नाम नारायण , काम नर से घृणा , फरियादी को CDO के सामने दुत्कार कर SDM बोले भाग साले

नाम नारायण , काम नर से घृणा , फरियादी को CDO के सामने दुत्कार कर SDM बोले भाग साले

जिला हरदोई 

सम्पूर्ण समाधान दिवस 

तहसील बिलग्राम

अध्यक्षता - सीडीओ 

SDM - नाम नारायण , काम नर से घृणा

SDM साहब भूल गए कि तंत्र से ऊपर लोक होता है , लोक को गाली नही देते , सम्मान नही दे सकते तो गरिया के भगाओ भी मत , सीडीओ मैडम की मौजूदगी में एसडीएम बिलग्राम नारायण सिंह की जनता के प्रति ऐसी अभद्र भाषा शैली हावी अफसरशाही की बानगी मात्र ही है , ये वही SDM साहब हैं जिनकी लिखित में शिकायत सांसद अशोक रावत ने की थी और शपथ ग्रहण समारोह की भरी महफ़िल खरी खोटी भी सुनाई थी ।

कुछ इसलिए हुए था वाकया 

बिलग्राम तहसील के ग्राम अल्लीगढ निवासी मंशाराम पुत्र राम सहाय राजस्व निरीक्षक की घूसखोरी की शिकायत लेकर समाधान दिवस में आया था।समाधान दिवस में सीडीओ सौम्या गुरुरानी मौजूद थीं।

मंशाराम ने बताया कि उसकी जमीन गाटा संख्या 13, 37, 28, 162अ, 162ब, 19, 39, 46, 16, 108, 118 स्थित ग्राम अल्लीगढ परगना व तहसील बिलग्राम जिला हरदोई की न्यायालय उपजिलाधिकारी, बिलग्राम द्वारा अंश विनिश्चित के वाद कुरा व अन्तिम डिग्री दिनांक 10-05-2023 को बनाई जा चुकी है उक्त अन्तिम डिग्री के अनुसार कब्जा दखल की कार्यवाही की जानी थी।

मंशाराम का आरोप है कि जमीन का कब्जा दखल की कार्यवाही करने के लिए क्षेत्र में तैनात राजस्व निरीक्षक प्रवीण गुप्ता ने उससे बीस हजार रिश्वत मांगी थी। उसने बताया कि वह दस हजार रुपये दे चुका था, शेष दस हजार काम होने पर वह देता। रुपये लेने के बावजूद राजस्व निरीक्षक ने कब्जा दिलाने की कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित ने बताया कि कई बार उसने राजस्व निरीक्षक से कार्रवाई करने को कहा लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।



 सभ्य बनने के तीन तरीक़े हैं, या तो सौभाग्य से आपकी परवरिश अच्छी हो जाए, या आप पढ़ लिखकर गुरुओं से सभ्य आचरण सीख लें, या फिर आप घूम फिरकर सभ्य लोगों में बैठकर उनसे अच्छा आचरण स्वीकार लें। पुलिस और प्रशासन में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का असभ्य एवं भ्रष्ट आचरण समझ में आता है। मगर ये जो बरसों-बरस पढ़कर सिविल सर्विस एग्ज़ाम निकालते हैं ये कौन सी दुनिया से निकलकर आ रहे हैं ? अगर यह ग़ैर मेयारी भाषा या आचरण पर उतर आएं तो क्या इसे इनकी परवरिश का दोष माना जाए ? या शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा विधि की ख़ामी माना जाए ? या फिर ये माना जाए कि नौकरी पाने के बाद इन्होंने भ्रष्ट, निकृष्ट और नाअहलों की सोहबत इख़्तियार कर ली है ?
amirkirmani@gmail.com, 18 June 2023

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